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जिला अस्पताल सहारनपुर,

सहारनपुर, जिला अस्पताल अक्सर अव्यवस्थाओं को लेकर सुर्खियों में रहा है लेकिन प्रदेश की योगी सरकार के शासन में भी ये इनसे अछूता नहीं है। प्रमुख दवाईयों का अभाव और बिजली कटौती मरीजों व उनके तीमारदारों के लिये परेशानी का सबब बनी हुई है। ऐसा नहीं कि यहां जनरेटर की व्यवस्था नहीं है परन्तु बिजली गुल होने के तत्काल बाद इसे चालू करने की जहमत उठाने वाला कोई नहीं है। सभी एक-दूसरे के भरोसे रहते हैं और इनकी ये लापरवाही यहां भर्ती मरीजों व उनके तीमारदारों पर अक्सर भारी पड़ती है। बिजली गुल होने के बाद काफी देर तक ये लोग हाथ से पंखा झेलने को मजबूर होते हैं। ऐसा ही एक दृश्य जिला अस्पताल के आपातकक्ष में देखने को मिला। बिजली गुल होने पर जिन कमरों में मरीज भर्ती थे, वहां के पंखे जाम रहे लेकिन चिकित्सकों के कमरे में पंखे चालू दिखे। एक तरफ जहां बिजली की किल्लत से मरीज यहां जूझ रहे हैं वहीं प्रमुख दवाईयों का भी यहा अभाव देखने को मिला। ओपीडी में विभिन्न रोगों से ग्रस्त रोगियों की लम्बी-लम्बी कतारे अक्सर लगी रहती हैं जिनमें से अधिकतर को दवाईयां समीप के मेडिकल स्टोर्स से खरीदते देखा जाता है। कारण स्पष्ट है कि बेहद कारगर दवाईयां यहां उपलब्ध नहीं हैं। पिछले दिनों प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के यहां आने पर अस्पताल की काया ही उलट देखने को मिली जो कभी दिखायी नहीं देती। मरीजों के बैड्स पर साफ-सुथरी व आकर्षक चादरे बिछायी गयीं जो अगले दिन ही हटा दी गयीं। अब आलम ये है कि कई बैड्स पर तो चादर ही नहीं है और जिन पर है, उनकी गंदगी कुछ और ही बयां कर रही है लेकिन इन सबके बावजूद कुछ सुधार भी देखने को मिले हैं। सफाई व्यवस्था पहले से अधिक मजबूत हुई है तो वहीं मरीजों के लिये नये बैड्स उपलब्ध कराये गये हैं। कई कमरों में पेंट भी किया जा रहा है। यदि बिजली की सुचारु व्यवस्था के साथ ही प्रमुख व कारगर दवाईयों के अभाव को भी दूर किया जाये तो इसका सीधा श्रेय प्रदेश सरकार के खाते में जायेगा जिसे प्रदेश की जनता ने बड़ी उम्मीदों के साथ सत्ता सौंपी थी। सरकारी अस्पताल के आपातकक्ष में गम्भीर रोगियों का आना-जाना लगा ही रहता है। अस्पताल में प्रवेश करने के लिये मुख्य रुप से पांच गेट हैंजिनमें से एक अस्पताल चौक पर, दूसरा साईकिल स्टैण्ड के पिछली तरफ, तीसरा आपातकक्ष के समीप, चौथा वाथा टीबी सेनेटोरियम की तरफ से और पांचवां जिसे प्राईवेट गेट भी कहा जाता है और यही वो गेट है जो करीब पिछले कई वर्षों से बंद है जबकि पैदल वालो के लिये एक छोटा गेट खोला गया है। यहां से वाहनों का प्रवेश बन्द है जिससे इस तरफ से आने वाले गम्भीर रोगी आपातकक्ष वाले गेट से ही अन्दर प्रवेश करते हैंऔर अक्सर वहां पहुंचने की चाह में जाम में फस जाते हैं। दरअसल कई सालों पहले यहां एक चिकित्सक के सरकारी मकान में दिनदहाड़े बदमाशों ने लूट को अंजाम दिया था और इसी गेट से फरार हो गये थे। तभी से ये गेट बंद कर दिया गया लेकिन इस तरफ से आने वाले गम्भीर रोगियों के लिये ये परेशानी का सबब बन चुका सबब बन चुका


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संस्कृतियां व्यक्ति को संस्कार देती हैं: पंत

सहारनपुर- मेला गुघाल के सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में नगर निगम द्वारा गढ़वाल सभा सहारनपुर के सहयोग से जनमंच सभागार में ‘देवभूमि सांस्कृतिक गीत संध्या’ का आयोजन किया गया। उद्घाटन उत्तराखण्ड के दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री कैलाश पंत, महापौर डॉ.अजय कुमार, नगर विधायक राजीव गुंबर, पूर्व महापौर संजीव वालिया, हेमंत अरोड़ा, राहुल शर्मा व मेला चेयरमैन मनोज प्रजापति व पार्षद सुधीर पंवार आदि ने स्वतंत्रता सेनानी व पेशावर काण्ड के नायक वीर चंद्रसिंह गढ़वाली, स्वतंत्रता सेनानी देव सुमन तथा भारत के प्रथम सीडीएस जनरल विपिन रावत के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित व रिबन काटकर किया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि कैलाश पंत ने कहा कि उत्तराखण्ड की प्रत्येक घाटी में अलग संस्कृति और प्रत्येक चोटी पर अलग बोली मिलती है। उन्होंने कहा कि कुमाऊंनी, जौनसारी सहित उत्तराखण्ड की विभिन्न संस्कृतियों की तरह गोगावीर जी से जुड़ी संस्कृति भी लोगों को प्रभावित करती है। संस्कृतियां लोगों को संस्कार देती हैं। उन्होंने मेला गुघाल में पर्वतीय संस्कृति के कार्यक्रम के आयोजन के लिए महापौर व नगर निगम का आभार जताया।...

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